जिंदगी कब किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दे, कोई नहीं जानता. आज हम आपको IAS ऑफिसर डॉ राजेंद्र भारुड के बारे में बता रहे हैं, जो महाराष्ट्र के धुले जिले के रहने वाले हैं. जब वह अपनी मां के गर्भ में थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. इस वजह से उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई, जिसकी वजह से उनकी मां को शराब बेचना शुरू करना पड़ा. उनके ऊपर उनके तीनों बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई.
जब राजेंद्र भारुड ने बताया कि जब मैं 2-3 साल का था और तो रोता था तो शराबियों को परेशानी होती थी, जिस वजह से वह मेरे मुंह में दो-चार बूंद शराब डाल देते थे और मैं चुप हो जाता था. मुझे बचपन में तो कई बार दूध की जगह शराबियों द्वारा शराब पिलाई गई. इसकी मुझे आदत हो गई.
राजेंद्र ने 10वीं की परीक्षा में 95% अंक हासिल किए थे, जबकि 12वीं में उन्होंने 90% अंक लाए. 2006 में उन्होंने मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास कर ली और मुंबई के सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया. 2011 में उन्हें बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड भी मिला. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. यूपीएससी की परीक्षा पास कर वह कलेक्टर बन गए. वह 2013 के बैच के आईएएस ऑफिसर हैं.
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