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जड़ी बूटियों का इस्तेमाल बहुत से बीमारियों के लिए किया जाता है। त्रिफला भी एक जड़ी बूटी है। हारड, बहेड़ा, आंवले इन तीनों से मिलकर त्रिफला बनता है। त्रिफला में मौजूद बहेड़ा और हारड पाचन एंजाइमों को रेगुलेट करता है। और आंवला एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
त्रिफला के चूर्ण के सेवन से शरीर से टॉक्सिन पदार्थ बाहर आसानी से निकलते हैं। इससे सूजन,गठिया का दर्द दूर होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और पेट की समस्या दूर होती है।
डायबिटीज की बीमारी में शुगर लेवल को कंट्रोल रखना होता है। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ाने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, अंधापन,गुर्दे की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।
एनसीबीआई (NCBI)में छपी एक रिपोर्ट के हिसाब से 40 से 45 दिनों तक रोजाना 5 ग्राम त्रिफला का पाउडर का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हो जाता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने कब किये आप ऐसे कर सकते हैं त्रिफला का सेवन-
त्रिफला का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं
रात में लोहे के बर्तन में एक कप पानी और एक चम्मच त्रिफला पाउडर डालकर रख दें इसका स्वाद कड़वा होता है तो सुबह उसमें एक चम्मच शहद डालकर खाली पेट पिये इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है
दोपहर में दही छाछ के साथ पी सकते हैं
दोपहर को खाने के साथ आप त्रिफला पाउडर को छाछ में मिलाकर पी सकते हैं इससे आपको मधुमेह डायबिटीज कब्ज से राहत मिलेगी ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा।
रात में देसी घी के साथ सेवन कर सकते हैं
रात में सोने से पहले आप एक चम्मच देसी घी के साथ एक चम्मच त्रिफला पाउडर को एक गिलास गर्म पानी के साथ पी ले ऐसा करने से आपकी बॉडी डिटॉक्स होने में मदद करेगी तथा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा।
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