महाराष्ट्र स्थित गणेश जी के सबसे लोकप्रिय मंदिर, जिनके दर्शन मात्र से पूरी हो जाती सारी मनोकामना

विघ्नहर्ता,मंगल मूर्ति, गजानन, गणेश,गणपति आदि नामों से बुलाए जाने वाले भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र गणेश जी को सभी देवों में प्रथम पूजनीय का स्थान प्राप्त है। ऐसा माना जाता है गणपति जी की मात्र पूजा से ही यह हमारे जीवन से विघ्न को हर लेते हैं और हमारे जीवन में मंगल करते हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले गणपति पूजा की जाती है साथ ही गणपति जी की पूजा करने के लिए बुधवार का दिन समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधि विधान से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की सारी इच्छाएं और सारी मनोकामना पूर्ण होती है, उनके जीवन से कष्ट दूर होते हैं।

हमारे भारत देश में गणपति जी के अनेकों मंदिर है, हर जगह आपको गणपति जी नजर आ ही जाते हैं गणपति जी की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति, तरक्की आती है वैसे तो आपने भगवान गणपति की बहुत से मंदिरों को देखा होगा सब ही मंदिर अलग-अलग तरह से चमत्कारी और विशेष होते हैं। गणपति जी की पूजा महाराष्ट्र में बहुत अच्छी तरह से की जाती है गणेश चतुर्थी का पर्व वहां का सबसे प्रमुख त्यौहार है। गणेश चतुर्थी में महारास्ट्र के लोग अपने घर में गणपति जरूर स्थापित करते हैं, ऐसे में महाराष्ट्र में बहुत से ऐसे गणपति जी के मंदिर हैं जो बहुत ज्यादा लोकप्रिय हैं ऐसा माना जाता है कि इन मंदिरों में दर्शन मात्र से ही आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और आपको सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है

तो आज इस आर्टिकल में आपको ऐसे ही गणपति जी के पावन धाम जो महाराष्ट्र में उपस्थित है उनके बारे में बताएंगे ।

सिद्धिविनायक मंदिर,मुंबई
मुंबई में स्थित सिद्धिविनायक मंदिर गणपति जी का सबसे लोकप्रिय मंदिर है यहां पर दर्शन मात्र से ही सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है गणपति जी के जिन मूर्तियों के सूड दाई ओर मुड़ी हुई होती है वह सिद्धिपीठ से जुड़ी होती है और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सिद्धिविनायक की महिमा अपरंपार है वह अपने भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है।

दशभुज मंदिर, पुणे
पुणे के करवे रोड पर स्थित यह मंदिर बहुत लोकप्रिय है इसके पीछे एक मान्यता है कि आदि काल में जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे तभी मधु कैटभ नाम के एक असुर ने उनके काम में रुकावट डाली शुरू कर दी और वह सृष्टि का नाश करने लगा। भगवती कैटभी और भगवान मधुसूदन ने इसका संघार कर दिया लेकिन इसके बाद गड़ासुर, रुद्र केतु और उसके पुत्र नारातक ने सृष्टि को नष्ट करना शुरू कर दिया, देवों में त्राहिमाम मच गया और वह उन्होंने अपनी रक्षा के लिए मव दुर्गा की अराधना की, मां दुर्गा ने देवों की रक्षा के लिए सुरभि के गोबर से दशा भुज गणेश का निर्माण किया और उन्हें अपने वाहन शेर प्रदान कर अपने अस्त्र-शस्त्र सौंप दिया दशभुजा गणेश ने सभी दानवो का नाश कर दिया, दैत्य का अंत कर गणपति 10 भुज आदि देव गणपति कहलाने लगे।

सिद्धि विनायक गणपति मंदिर, टिटवाला
महाराष्ट्र के टिटवाला में स्थितियां मंदिर सिद्धिविनायक महागणपति मंदिर कहलाता है यह मुंबई से कुछ ही दूरी पर स्थित है ऐसा मान्यता है कि इस मंदिर में शादीशुदा जोड़ों के लिए बहुत ही शुभ होता है और शादीशुदा जोड़ों के लिए यह मंदिर बहुत लोकप्रिय है ऐसा माना जाता है कि किसी भी तरह के पारिवारिक विवाद यहां सुलझ जाती है और वापस से प्रेम बढ़ जाता है।

महाराष्ट्र गणपतीपुले गणेश मंदिर, रत्नागिरी
महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में कोंकण तट पर यह मंदिर स्थित है यह देश के प्राचीन मंदिरों में से एक है इस मंदिर में 400 साल पुरानी गणपति जी की मूर्ति है इस वजह से यह बहुत ही लोकप्रिय और पवित्र स्थान माना जाता है लोग दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं।

मयूरेश्वर मंदिर, पुणे
पुणे से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह मंदिर बहुत ही लोकप्रिय है मयूरेश्वर मंदिर के पीछे मान्यता है कि भगवान गणेश ने इसी स्थान पर सिंदूर आशूर नामक एक राक्षस का वध मोर पर सवार होकर किया था। इसलिए इस मंदिर को मयूरेश्वर कहते हैं गणपति जी के इस सिद्ध मंदिर में दर्शन और पूजा का विशेष महत्व है और लोगों की मनोकामना भी यहां आकर पूर्ण होती है।

बल्लालेश्वर मंदिर, पाली
महाराष्ट्र के पाली नामक स्थान पर गणपति जी का विशेष मंदिर बल्लालेश्वर मंदिर स्थित है। गणपति जी के इस मंदिर का नाम उनके अनन्य भक्त बलाल के नाम पर ही रखा गया है ऐसा माना जाता है कि बल्लालेश्वर गणपति मंदिर में प्रात काल भगवान सूर्य की किरणें सीधा उनकी मूर्ति पर सबसे पहले पड़ती है।

वरद विनायक मंदिर, रायगढ़
महाराष्ट्र के रायगढ़ के कोल्हापुर नामक स्थान पर वरद विनायक मंदिर उपस्थित है इस मंदिर के पीछे मान्यता है कि गणपति के इस मंदिर में दर्शन करने वाले हर व्यक्ति की सारी मनोकामना पूर्ण होती है इस वजह से यहां पर लोगों की बहुत भीड़ उपस्थित होती है।

चिंतामणि मंदिर, पुणे
महाराष्ट्र के पुणे शहर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव में स्थित चिंतामणि मंदिर बहुत फेमस है यह मंदिर की स्थापना और गणपति जी के परम भक्त मोरया गोसावी ने की थी।

गिरिजात्मज अष्टविनायक मंदिर, पुणे
अपने भक्तों की सारी मुसीबतों को हरने वाले भगवान गणेश जी का यह मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है श्री गणेश जी का यह मंदिर पुणे से तकरीबन 100 किलोमीटर की दूरी पर एक गांव में स्थित है गिरिजात्मज मंदिर को पर्वत की खुदाई करके बनाया गया है इसलिए यह बहुत आकर्षक का केंद्र और लोकप्रिय है।

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