मिर्गी के दौरे को कम करती है ये आयुर्वेदिक औषधियां

क्या आपके घर में किसी व्यक्ति को मिर्गी की बीमारी है अगर हां तो आप शायद इसकी गंभीरता और परिणाम से भलीभांति परिचित होंगे। मिर्गी एक बहुत गंभीर बीमारी है जो नर्वस सिस्टम की आवृत्ति में बाधा उत्पन्न होने की वजह से होती है अगर सही समय पर मिर्गी की समस्या का उपचार ना करवाया जाए तो यह आपके मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचा सकती आपको बता दें कि मिर्गी रोग के लिए कई तरह के थेरेपी और उपचार प्रक्रिया कराई जाती है मिर्गी से ग्रस्त होना अपंग जैसा लगता है लेकिन इसके मरीज कुछ सावधानियां और उचित उपचार से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं मिर्गी की बीमारी होने पर मरीजों को रूटीन चेकअप तो करवाना जरूरी ही होता है लेकिन साथ साथ मिर्गी के उपचार के लिए आप कुछ आयुर्वेदिक औषधियों का सहारा भी ले सकते हैं आज हम इस आर्टिकल के द्वारा बताएंगे मिर्गी की समस्या से निजात पाने का आयुर्वेदिक इलाज

मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज यह है
ब्राह्मी- ब्राह्मी का पूरा पौधा परिसंचरण और तंत्रिका तंत्र संबंधी विकारों में उपयोगी होता है इसके काढे के रूप में या घी या तेल के साथ मिलाकर सेवन करने से आपको मिर्गी जैसी समस्या से राहत मिल सकता है इसके अलावा यदि किसी की याददाश्त कमजोर होती है उसके लिए भी ब्राह्मी का सेवन काफी कारगर होता है मिर्गी की समस्या में ब्राह्मी और अश्वगंधा दोनों की 3-3 ग्राम मात्रा में मिश्री की 6 ग्राम मात्रा ले ले। सबको मिलाकर इसकी 6 ग्राम मात्रा सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।

शंखपुष्पी- यह नसों को आराम देने वाली प्रमुख औषधियों में से एक है इसके पूरे पौधे का ही इस्तेमाल चिकित्सकीय उद्देश्य के लिए प्राचीन काल से किया जाता है आमतौर पर इसे जूस पेस्ट और पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है मिर्गी के लक्षण जैसे कमजोर याददाश्त, घबराहट और मानसिक रोग से राहत पाने के लिए शंखपुष्पी आपकी मदद कर सकता है इसके अलावा यह तनाव दूर कर गहरी नींद के लिए कारगर होता है।

अश्वगंधा- अश्वगंधा का उपयोग बहुत सी औषधीय दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है अश्वगंधा का सेवन करने से मस्तिष्क, हृदय संबंधी समस्या और नींद ना आने की समस्या को दूर किया जा सकता है इसके अलावा मिर्गी के मरीजों के लिए भी अश्वगंधा काफी फायदेमंद साबित होता है इसके लिए अश्वगंधा पाउडर 3 ग्राम और मिर्ची पाउडर 3 ग्राम ले अब दोनों के मिश्रण को अच्छे से मिला ले अब डब्बे में स्टोर करके रख दे रोज सुबह-शाम खाने से आपको मिर्गी की समस्या से कुछ हद तक राहत मिलेगा।

सारस्वतारिष्ट– सारस्वतारिष्ट शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है इसका सेवन आप शंखपुष्पी, अश्वगंधा, ब्राह्म के साथ कर सकते हैं इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो कि शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता हे सारस्वतारिष्ट के सेवन से मिर्गी के लक्षणों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है यह न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर को कम करने के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

अश्वगंधारिष्ट– अश्वगंधारिष्ट बनाने के लिए आप अश्वगंधा का हल्दी, ब्राह्म, मंजिस्ठा जैसी जड़ी बूटियों के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं यह मिर्गी में होने वाले मानसिक विकारों को दूर करने में मदद करता है और तंत्रिकाओं को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद करता है इसका सेवन रोज सुबह-शाम खाली पेट में करना चाहिए।

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