यात्री बनकर बस में खुद घूमे कमिश्नर, चली गई 14 ड्राइवरों की नौकरी और 13 कंडक्टर हुए सस्पेंड

भ्रष्टाचार और बेईमानी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लालच में व्यक्ति इतना अंधा हो गया है कि वह इंसानियत भूलता जा रहा है. कोरोना का खतरा भी देश में मंडरा रहा है. लेकिन फिर भी लोग लापरवाही बरत रहे हैं और नियमों का पालन बिल्कुल भी नहीं कर रहे. सिटी बस संचालक खुद भी नियम कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं. खुद भी नियम-कानून तोड़ रहे हैं.

ऐसा ही मामला कानपुर से सामने आया है जहां कमिश्नर डॉ राजशेखर खुद सिटी बसों में निरीक्षण करने पहुंच गए. वह यात्री के वेश में सच्चाई का पता लगाने के लिए बसों में घुसे. इस दौरान बहुत सारे ड्राइवर और कंडक्टर की गलतियों का भी पता चला. डॉ राजशेखर समेत कई अधिकारी सिटी बस की हकीकत जानने के लिए चुन्नीगंज और रावतपुर से हर्ष नगर की तरफ जाने वाली बसों में यात्री बनकर सफर करने लगे.

उन्होंने इस दौरान देखा कि कंडक्टर खुद अपने मुंह पर मास्क नहीं लगा रहे. ना ही यात्रियों से मास्क लगाने को कह रहे हैं. ड्राइवर भी कोरोना नियमों का पालन करते हुए नहीं दिखे. डॉ राजशेखर ने तुरंत बस ड्राइवर और कंडक्टर पर कार्रवाई की. उन्होंने 14 बस ड्राइवरों को ड्यूटी से हमेशा के लिए आराम दे दिया और 13 कंडक्टर को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया.

कमिश्नर साहब के साथ 6 और अधिकारी भी इस अभियान में शामिल थे. उन्होंने कई तरह की गलतियां पकड़ी. बहुत सी बसों में तो फर्स्ट एड बॉक्स नहीं थे और कई बसों में एलईडी स्क्रीन सही से काम नहीं कर रही थी. बहुत से कंडक्टर यात्रियों से बिना टिकट दिए ही पैसे लेते हुए भी पकड़े गए.

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