सड़कों पर सिम बेचने वाला 17 साल का लड़का जानिए कैसे बना Oyo Rooms का मालिक

अगर आपमें टैलेंट है और कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो उम्र मायने नहीं रखती है. रितेश अग्रवाल ने भी इस कहावत को सच कर दिखाया है. रितेश अग्रवाल Oyo के फाउंडर है और वह 27 साल के हो चुके हैं. उन्होंने महज 20 साल की उम्र में ही Oyo Rooms की शुरुआत की थी. आज यह भारत की सबसे कामयाब इंटरनेट कंपनियों में से एक है.

रितेश ने बिना होटल के ही Oyo Rooms की शुरुआत की. आज उनकी यह कंपनी करोड़ों की हो चुकी है. उन्होंने इस कंपनी के जरिए कई लोगों को रोजगार भी दिया है. रितेश के माता-पिता तो उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे. लेकिन उनकी इच्छा कुछ और ही थी. उनके अंदर कुछ अलग कर दिखाने का इरादा था.

उन्होंने कॉलेज ड्रॉप कर दिया और फिर वह कुछ नया करने की इरादे से निकल पड़े. खर्च चलाने के लिए उन्होंने सड़कों पर सिम कार्ड बेचे और भी बहुत सारे काम किए. 2011 में वह दिल्ली आए जहां उन्होंने ओरावल नामक वेबसाइट की नींव रखी. शुरुआत में उन्हें नाम की वजह से थोड़ी दिक्कत हुई.

बाद में उन्होंने इसका नाम बदलकर Oyo Rooms रख लिया. नाम बदलते ही रितेश का यह बिजनेस चलने लगा और आज वह 80,000 करोड़ रुपये का कारोबार चला रहे हैं. रितेश ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह जब बचपन में अपने रिश्तेदार के यहां जाते थे तो लोग टीवी का रिमोट अपने पास रखते थे. यहीं से उन्हें OYO (ON YOUR OWN) रूम बनाने का आइडिया आया.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*