महाभारत के भीम 76 की उम्र में पाई-पाई को मोहताज, मदद के लिए लगाई गुहार!

दूरदर्शन में प्रसारित होने वाले महाभारत सीरियल को कौन नहीं जानता, 30 वर्ष पहले दूरदर्शन में पहली बार प्रसारित हुआ था यह शो आपको यह जो बहुत अच्छी तरह से याद होगा। यह जो सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले में से एक है और आज भी इसके किरदारों को और इस महाभारत को सभी घरों में बहुत पसंद किया जाता है। आपको बता दें कि एक समय ऐसा था जब इस सीरियल को देखने के लिए घरों चौराहो, गलियों में, नुक्कड़ पर काफी भीड़ लगी होती थी। जब करोना महामारी में पिछले वर्ष लॉकडाउन लगाया गया तब लोगों ने दोबारा इस महाभारत को बहुत ज्यादा पसंद किया और लोगों को का बहुत प्यार इस शो को मिला और फिर से इनके किरदारों को पसंद किए जाने लगा और जो लोग इस शो से लोकप्रिय हुए हैं उनके बारे में फिर से चर्चाएं शुरू हो गई।

महाभारत के सभी किरदारों को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है ऐसे में आज हम आपको बात करने जा रहे हैं महाभारत के गदाधारी भीम का किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती के बारे में, आपको बता दें कि महाभारत सीरियल में गदाधारी भीम का अभिनय करने वाले किरदार को हम कभी भी नहीं भूल सकते उन्होंने अपने अभिनय से हमारे दिलों पर एक छाप छोड़ी है जो कभी भी दूर नहीं हो सकती। महाभारत सीरियल में भीम का किरदार निभाने वाले अभिनेता कोई और नहीं बल्कि 6 फुट से भी ज्यादा लंबे भीम काय प्रवीण कुमार सोबती जी है। इन्होंने अपने अभिनय से दुनिया भर में बहुत नाम कमाया है इसके साथ ही उन्होंने खेल के मैदान में भी बहुत कामयाबी पाई है आपको बता दें कि उन्होंने खेल में भी बहुत कामयाबी को प्राप्त किया है। अब उनकी उम्र 74 वर्ष की हो गई है लेकिन आपको हम बता देना चाहते हैं कि प्रवीण कुमार जी अब पाई-पाई के मेहताज हो गए हैं यह बात जानकर आप सभी को बहुत दुख होगा लेकिन आप यह बात पूरी तरह से सही है उनकी हालत इतनी गंभीर हो चुकी है कि उन्होंने सरकार से पेंशन की गुहार लगाई है।

प्रवीण कुमार सोबती कि इतनी नाजुक स्थिति
आपको हम बता देना चाहते हैं कि भीम का कद काठी की वजह से प्रवीण कुमार सोबती बहुत ही प्रसिद्ध और टैलेंटेड एक्टर में से एक है। इन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई है, परंतु आज हम आपको बताना चाहते हैं कि वह पाई- पाई के मोहताज हो गए हैं और वह बहुत बुरी स्थिति काट रहे हैं, इसी वजह से परेशान होकर उन्होंने पंजाब सरकार से अपने जीवन यापन के लिए पेंशन की गुहार लगाई है। आप इस बात में भरोसा नहीं करेंगे लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है कि इनकी स्थिति इतनी खराब हो गई है कि इन्होंने पेंशन की गुहार लगाई है।

पंजाब सरकार से क्यों है प्रणब कुमार सोबती जी को शिकायत
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि प्रवीण कुमार सोबती ने अपनी शिकायत में लिखा है कि पंजाब में बनने वाली सभी सरकारों से मुझे शिकायत है, जितने भी खिलाड़ी एशियन गेम्स खेलते हैं यह मेडल जीते हैं उन्हें पेंशन दी जाती है लेकिन इस अधिकार से मुझे वंचित रखा गया है जबकि सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल मैंने ही प्राप्त किए है इस वजह से प्रवीण जी पंजाब सरकार से शिकायत की है।

प्रवीण जी ने करो ना के समय में बयां किए रिश्तो की सच्चाई
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रवीण कुमार सोबती ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि करो ना ने रिश्तो की सच्चाई बयां किया है सब रिश्ते खोखले हैं, मुश्किल वक्त में कोई सहारा तो दूर अपने भी दूर भाग जाते हैं। उन्होंने कहा कि काफी समय से घर में ही हूं तबीयत ठीक नहीं रहती, खाने में भी कई तरह से परहेज हैं। स्पाइनल प्रॉब्लम है घर में पत्नी वीना देखभाल करती है एक बेटी की मुंबई में शादी हो चुकी है इस दौर में भीम को सब जानते थे लेकिन आप सब भूल गए हैं। उनकी या दुख भरी बातें सुनकर सभी को बहुत दुख हुआ।

एक्टिंग के साथ-साथ खेल के मैदान में भी लहराया था प्रवीण ने परचम
आप सब इस बात को जानकर हैरान हो जाएंगे कि प्रवीण जी सिर्फ एक्टिंग में अपना नाम कमाया है, उन्होंने खेल के मैदान में भी बहुत से गोल्ड मेडल अर्जित की है 6 दिसंबर 1947 को जन्म हुआ था प्रदीप कुमार जी का। इनका जन्म पंजाब के अमृतसर के पास एक सरहली नामक के गांव में हुआ था बचपन से ही उनका खानपान बहुत अच्छा रहा है। मां के हाथ से दूध दही और देसी घी की हैवी डाइट मिली तो उनका शरीर भारी भरकम बन गया उनकी मां की चक्की में अनाज पीसा करती थी प्रवीण उसे उठाकर व्यायाम किया करते थे। जब प्रवीण को स्कूल में हेडमास्टर ने देखा तो उनकी बॉडी को देखकर उन्हें खेलों में भेजना शुरू कर दिया था। जिसके बाद वह प्रतियोगिताएं जीतने लगे आपको बता दें, कि सन 1966 की कामनवेल्थ गेम के लिए डिस्कस थ्रो में इनका नाम आया था। यह गेम्स जमैका के किंग्सटन में था इसमें प्रवीण कुमार सोबती ने सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद उन्होंने बैंकाक में हुए साल 1966 और 1970 के एशियन गेम्स में दोनों बार गोल्ड मेडल प्राप्त की और अपने देश का नाम रोशन किया, 56.6 मीटर दूरी पर चक्का फेंकने पर उनका एशियन गेम्स का रिकॉर्ड रहा है इसके बाद अगली एशियन गेम्स 1974 में ईरान की पहरान में हूं, यहां सिल्वर मेडल उनको मिला परंतु किस्मत से ऐसी करवट बदली कि फिर उनकी पीठ में दर्द की शिकायत रहने लगी और उन्होंने खेल से दूरी बना ली।

अपनी इस काबिलियत की वजह से मिला था महाभारत में प्रवीण जी को रोल
प्रवीण जी के एक बहुत अच्छे खिलाड़ी थे प्रवीण कुमार सोबती ने खुद ही कहा कि उन्हें बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट की नौकरी प्राप्त हुई थी। एशियन गेम्स और ओलंपिक में देश के नाम को बढ़ाने की वजह से उन्हें यह नौकरी प्राप्त हुई थी। 1986 में एक दिन उन्हें किसी के माध्यम से क्या संदेश प्राप्त हुआ कि बी आर चोपड़ा महाभारत बना रहे हैं और वह भीम की किरदार के लिए उन जैसे किसी को कास्ट करना चाहते हैं वह उनसे मिलने पहुंचे तो बी आर चोपड़ा उन्हें देखते ही बोले भी मिल गया। इसके बाद उन्होंने तकरीबन 50 से अधिक फिल्मों में कार्य किया, उस समय के दौरान मशहूर टीवी और सीरियस चाचा चौधरी में साधु का रोल भी उन्हें दिया गया। दो बार उन्होंने ओलंपिक फिर एक्शन कॉमन वेल्थ गेम्स में कई सिल्वर मेडल हासिल किए प्रवीण 1976 में खेल के सर्वोच्च पुरस्कार अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा जाएगा। खेल से फिल्मी की कामयाबी सफर तय कर चुके भीम अब आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।

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