ससुराल में भतीजी को होती थी गोबर उठाने में परेशानी, तो चाचा ने बना दिया गोबर उठाने वाली मशीन

डेयरी फार्म शुरू करने वाले किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर मिलने में होती है. गौशालाओं में साफ-सफाई का ध्यान रखना और सब प्रबंधन करना बहुत मुश्किल होता है. इसके लिए मजदूरों की जरूरत पड़ती है. इसी समस्या को ध्यान में रखकर महाराष्ट्र के किसान ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो बैटरी से चलती है और इस मशीन की मदद से कोई भी बिना हाथ गंदे किए गोबर को इकट्ठा कर सकता है.

इस मशीन का निर्माण किसान मोहन लांब ने किया जो बीड इलाके के रहने वाले हैं. उन्हें इस खोज के लिए नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने सम्मानित किया. मोहन लांब दसवीं तक पढ़े हैं और इसके बाद वे खेती करने लगे. मोहन ने बताया कि उनके इलाके में कपास और मूंगफली की खेती ज्यादा होती है. उन्होंने गोबर उठाने वाली मशीन बनाने से पहले एक स्प्रेयर बनाया था, जिसकी मदद से किसान खेतों में आसानी से स्प्रे कर सकते थे.

मोहन ने बताया कि उन्होंने इस मशीन के बारे में सोचा और काम शुरू कर दिया. दरअसल, मोहन की भतीजी को शादी के बाद ससुराल में दिक्कतें होने लगी. उसके ससुराल में गाय-भैंस थी, जिनका काम घर की महिलाएं करती थीं. लेकिन हमारी बेटी को गोबर उठाने में परेशानी होती थी. इसी वजह से कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़े. तब मुझे लगा कि गोबर उठाना बहुत बड़ी समस्या है और इसके लिए मशीन होनी चाहिए.

उन्होंने इस मशीन पर काम करना शुरू कर दिया. डेयरी किसानों से भी उन्होंने मुलाकात की. उन्होंने नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन को को गोबर उठाने वाली मशीन का आईडिया भेजा, जिसके लिए उन्हें परमिशन मिल गई. इस मशीन से वह तीन लाख रुपए की कमाई कर चुके हैं. इस मार्केट में मोहन अपना खुद का स्टार्टअप ‘कल्पिक एग्रोटेक‘ शुरू कर चुके हैं. यह मशीन 1 मिनट में 40 किलो गोबर इकट्ठा कर लेती है. इस मशीन से कोई भी बिना परेशानी के गोबर इकट्ठा कर सकता है.

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