यह कहानी है यूपी के इटावा जिले के भरथना के पास मौजूद नागला बिधी गांव के अजीत सिंह यादव की. पैरा एथलीट अजीत सिंह यादव आज उन लोगों के लिए मिसाल बन चुके हैं जो अपनी दिव्यांगता को कोसते रहते हैं. अजीत सिंह शुरुआत से ही दिव्यांग नहीं थे. 2017 तक वह पूरी तरह से ठीक थे और आम लोगों की तरह जिंदगी जी रहे थे.
लेकिन उनके साथ एक दुर्घटना हो गई. अपने दोस्त की जान बचाने के लिए वह ट्रेन हादसे का शिकार हो गए और उनका बायां हाथ खराब हो गया. इलाज के बाद उन्हें बहुत आराम की जरूरत थी. लेकिन वह घर नहीं बैठे. लगभग 4 महीने बाद उन्होंने मैदान पर वापसी की और हरियाणा के पंचकुला में पैरा एथलेटिक्स सीनियर नेशनल 2018 में हिस्सा लिया.
2019 में उन्होंने बीजिंग में आयोजित 7वें विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में हिस्सा लिया था और गोल्ड जीता था. 2019 में उन्होंने दुबई में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था. वह टोक्यो पैरालिंपिक के लिए भी क्वालीफाई कर चुके हैं और देश के बाकी दिव्यांगों के लिए मिसाल बन चुके हैं.
अजीत सिंह यादव का जन्म 5 सितंबर 1993 को हुआ था. फिलहाल वह अपने परिवार के साथ ग्वालियर में रह रहे हैं. उनका जीवन दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
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