एक महिला के लिए समाज में गुजारा करना बहुत ही मुश्किल होता है. अगर उसके पति की मौत हो जाए तो बच्चों और परिवार की सारी जिम्मेदारी उसके ऊपर ही आ जाती है. संध्या नाम की एक 30 वर्षीय महिला अपने घर का गुजारा करने के लिए कुली का काम करती हैं. लोग उन्हें देखकर अक्सर हैरान रह जाते हैं. लेकिन वह किसी के सामने हाथ नहीं फैलाती और इज्जत से कमाकर खाती हैं.
संध्या मध्य प्रदेश के कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करती हैं. उनके ऊपर उनकी बूढ़ी सास और 3 बच्चों की जिम्मेदारी है. उन्होंने रेलवे कुली का लाइसेंस भी बनवा लिया है. लोग उनकी हिम्मत की तारीफ करते हुए नहीं थकते. संध्या का पूरा नाम संध्या मारावी है. वह 2017 से यह काम कर रही हैं.
बता दें कि संध्या के पति भोलाराम बीमारी से जूझ रहे थे और 22 अक्टूबर 2016 को उनका निधन हो गया, जिसके बाद संध्या घर की सारी जिम्मेदारी संभालने लगी. संध्या 45 पुरुषों के बीच अकेली महिला कुली हैं. उन्हें पिछले साल ही बिल्ला नंबर 36 मिला है.
वह जबलपुर में रहती हैं और नौकरी के लिए हर रोज कुंडम से 90 किलोमीटर की यात्रा करके स्टेशन पहुंचती हैं और फिर घर वापस जाती हैं. उनकी सास उनके बच्चों की देखभाल करती हैं. उनका बेटा साहिल 8 साल का, हर्षित 6 साल का और बेटी पायल 4 साल की है. वह अपने तीनों बच्चों को पढ़ा लिखाकर फौज में अफसर बनाना चाहती हैं.
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