हिंदू धर्म और पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह हिंदू धर्म का नौवां महीना माना जाता है। मार्गशीर्ष को अग्हायण के नाम से भी जाना जाता है। जिसे अगहन का महीना भी माना जाता है। जिस माह की पूर्णिमा तिथि जिस नक्षत्र से युक्त होती है उस नक्षत्र के आधार पर ही उस महीने का नामकरण किया गया है जो की मार्गशीष महीने की पूर्णिमा मार्गशीर्ष नक्षत्र से युक्त होती है। इसलिए इस माह को मार्गशीर्ष माह कहा जाता है। हिंदू धर्म में सभी 12 महीनों का अलग अलग महत्व है हर माह किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित किया गया है।
सावन में भगवान शिव की पूजा की जाती है उसी तरह मार्गशीर्ष महीने में कृष्ण जी की पूजा करने का सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि जिन देवी देवताओं के लिए जिस माह को समर्पित किया गया है उसी महीने में भगवान की पूजा अर्चना करने से भी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। इस वर्ष 20 नवंबर 2021 के दिन से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है इसे अगहन का महीना भी किया जाता है और गुरुवार के दिन खास तौर पर पूजा की जाती है।
मार्गशीर्ष माह में शंख की पूजा का महत्व
मार्गशीर्ष का महीना विशेष तौर पर कृष्ण जी की पूजा के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है इस महीने की महिमा स्वयं श्री कृष्ण भगवान ने गीता में बताई है गीता के 10 अध्याय के 35 श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण ने इस महीने की विशेषता बताई है उनके अनुसार सतयुग में देवों ने वर्ष का आरंभ मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से ही किया था, साथ ही ऋषि कश्यप ने इसी माह में कश्मीर नामक जगह की स्थापना की थी जो कि इस समय भारत का अभिन्न अंग है मार्गशीर्ष मास के दौरान स्नान दान का बहुत विशेष महत्व माना जाता है।
इस तरह हम सबको पता है कि यह महीना श्री कृष्ण जी की पूजा अर्चना करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण महीना माना गया है इसमें शंख की पूजा का भी विशेष महत्व है ऐसा माना जाता है कि यदि इस महीने में शंख की पूजा किए जाए तो मां लक्ष्मी की विशेष आशीर्वाद आपको प्राप्त हो सकता है। शंख मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों को ही अति प्रिय है इसलिए यदि हम शंख की पूजा करते हैं तो यह हमें मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है साथ ही इस महीने में यदि हम कुछ उपाय शंख के द्वारा करते हैं तो इससे भी आपको धन प्राप्ति होगी और आपके जीवन में कभी भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी।
नहीं हो दक्षिणावर्ती शंख तो सामान्य शंख से ही कर ले इस महीने पूजा
यदि आपके पास कोई विशेष दक्षिणावर्ती शंख नहीं है तो आप इस महीने सामान्य शंख का भी इस्तेमाल करके पूजा कर सकते हैं। आपको जरूर भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होगा। पांचजन्य शंख भगवान श्री कृष्ण का शंख है। इससे भी आप पूजा करते है तो आपको लाभ होगा। यदि इस पूरे महीने शंख की पूजा की जाए तो भगवान प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामनाएं और सारी इच्छाएं पूरी करते हैं। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान महालक्ष्मी के साथ 14 रत्न भी प्रकट हुए थे शंख को उन्हीं में से एक है इसलिए हमारे धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महालक्ष्मी समुद्र की पुत्री और शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है इसलिए कहते किचन की पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसती है इसी कारण पूजा में शंख बजाना अति शुभ माना जाता है इसके साथ-साथ शंख को बजाने से आपके आसपास का वातावरण बहुत शुद्ध पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है इसलिए आप अवश्य घर में शंख रखे और उसकी पूजा करें और यदि आपके घर में बुरी शक्तियां नकारात्मक ऊर्जा का संचार ज्यादा हो रहा है तो आप शंख में पानी रखकर पूजा करें और इस पानी को अपने चारों तरफ के वातावरण और घर में इसका छिड़काव करें।
मार्गशीर्ष महीने में शंख के आसान उपायों को जरूर करें
■धन प्राप्ति और धन लाभ के लिए दक्षिणावर्ती शंख का इस्तेमाल करें और इसके एक आसान उपाय करें इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरने और उसे भगवान विष्णु का अभिषेक करें इससे आपको बहुत अधिक मात्रा में धन लाभ होगा।
■मोती शंख में साबू चावल भरकर पोटली बना लें और तिजोरी में रख ले कुछ ही दिनों में आपके घर में पैसे की बरकत होने लगेगी और आपको बहुत ज्यादा सफलता मिलती मिलते चले जाएगी।
■इस महीने में यदि विष्णु मंदिर में शंख का दान किया जाए तो यह में बहुत समस्या से निजात दिलाती है साथ ही पैसों की सारी समस्या को दूर करती है।
■यदि आप महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो दक्षिणावर्ती शंख में दूध भरकर केसर और गंगाजल को भी मिलाकर महालक्ष्मी का अभिषेक करें से आपको मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
■यदि आप अपने घर में शांति स्थापित करना चाहते हैं तो यह महीना आपके लिए बहुत ज्यादा शुभ है इस महीने में विधि-विधान के साथ संघ की स्थापना आप अपने घर में कर सकते हैं घर में दक्षिणावर्ती शंख स्थापित करने से सुख समृद्धि की भी कमी नहीं होती है।
■जिन जातकों की कुंडली में शुक्र दोष उपस्थित होता है तो उन्हें एक सफेद कपड़े में सफेद रंग चावल और बताशे लपेट का नदी में प्रवाहित करना चाहिए ऐसा करने के बाद आपके शुक्र दोष बहुत ज्यादा कम हो जाएंगे।
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