आज हम आपको छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के चिकपाल गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रजबती के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने 7 कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने की जिम्मेदारी ली है. वह अपनी जान जोखिम में डालकर नक्सली इलाके में घने जंगलों और पहाड़ी रास्तों से गुजर कर 24 किलोमीटर का सफर पैदल तय करती हैं और अपने सिर पर बच्चों के लिए पोषाहार लाती हैं.
हर कोई उनके कार्य की सराहना भी करता है. 2002 में चिकपाल गांव में आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किया गया था. तब से ही वह यहां अपनी सेवाएं दे रही हैं. चिकपाल गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क भी नहीं है. उन्हें रोज यह रास्ता तय करने के लिए बहुत मुश्किलों से गुजरना पड़ता है.
लेकिन वह बच्चों से बहुत प्यार करती हैं और एक मां की तरह अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. चिकपाल आंगनबाड़ी केंद्र में फिलहाल 30 बच्चे पंजीकृत है जिनमें से 7 बच्चे कुपोषित हैं. रजबती पोषण आहार लेने के लिए पथरीले रास्तों से क्लस्टर केंद्र मर्दापाल गांव पहुंचती है, जहां से अंडों का कैरेट सिर पर रखकर फिर से वापस चिकपाल गांव आती हैं.
साथ ही वह बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था पर भी ध्यान रखती हैं. वह पिछले 13 सालों से अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. जब इस बात की जानकारी कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा व बस्तर IG सुंदराज पी को मिली तो दोनों ने रजबती की खूब सराहना की.
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