हर किसी का सपना होता है कि वह सरकारी अधिकारी बन जाए. लेकिन कठिन परिस्थितियों की वजह से इस मुकाम तक पहुंचना बहुत मुश्किल होता है. पर आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे में बताते हैं जो 11 रुपए गुरु दक्षिणा लेकर सैकड़ों छात्र-छात्राओं को IAS-IPS अधिकारी और दरोगा बना चुके हैं. बिहार की राजधानी पटना के नया टोला में अदम्य अदिति गुरुकुल संस्थान है, जहां बच्चों से ₹11 गुरु दक्षिणा लेकर उन्हें दरोगा से लेकर आईएएस, आईपीएस बनने की शिक्षा दी जाती है.
गुरु रहमान एक मुसलमान है, फिर भी उन्हें वेदों का ज्ञान है. उनके गुरुकुल में भी वेद की पढ़ाई होती है. इस गुरुकुल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां बच्चों से लाखों रुपए की फीस नहीं वसूली जाती. पहले गुरु दक्षिणा के रूप में ₹11 लिए जाते थे. लेकिन अब फीस बढ़ाकर ₹51 कर दी गई है. गुरु रहमान ने हिंदू लड़की से शादी. कोई भी उनके रिश्ते के समर्थन में नहीं था. इस वजह से समाज ने उनका बहिष्कार कर दिया. उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिली.
फिर उन्होंने एक छोटे से किराए के कमरे में अपनी कक्षाएं शुरू की. एक पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा होने के नाते रहमान आईपीएस अधिकारी बनना चाहते थे. उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाएं दी और पास भी की. फिर उन्होंने यूपीएससी, आईएएस जैसी परीक्षाओं की कोचिंग देना शुरू कर दिया. देखते ही देखते वह इतने मशहूर हो गए कि आज हर कोई उनसे पढ़ना चाहता है.
दरअसल, एक बार एक छात्र उनके पास मार्गदर्शन के लिए आया था. लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे. इसी वजह से वह बड़े कोचिंग सेंटर में नहीं जा सकता था. बच्चा बहुत ही प्रतिभाशाली था. तभी रहमान ने उस लड़के से ₹11 फीस लेकर उसे मार्गदर्शन दिया. आज वह छात्र ओडिशा के नुआपाड़ा के जिला कलेक्टर है. रहमान की अकादमी से 10,000 से ज्यादा छात्र शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें से 3,000 छात्र सब इंस्पेक्टर, 60 आईपीएस अधिकारी और 5 आईएएस अधिकारी और अन्य पदों हैं.
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