टोक्यो ओलंपिक्स 2020, 23 जुलाई 2021 से शुरू हुए, जो 8 अगस्त 2021 तक चलेंगे. चीन ने अब तक सबसे ज्यादा 75 पदक जीते हैं. जबकि भारत अभी तक केवल 5 पदक ही जीत पाया है, जिसमें दो रजत और तीन कांस्य पदक है. भारत अभी तक एक भी गोल्ड पदक अपने नाम नहीं कर पाया है. पर क्या आप जानते हैं कि ओलंपिक में मिलने वाले मेडलो की कीमत कितनी होती है. मेडल्स के अलावा खिलाड़ियों को और क्या मिलता है. आइए जानते हैं
हर बार बदल जाता है डिजाइन
ओलंपिक में मिलने वाले मेडल्स का डिजाइन हर बार बदल जाता है. टोक्यो गेम्स के लिए पदकों को जापानी डिजाइनर Junichi Kawanishi ने डिजाइन किया है. इन मेडल्स में ओलंपिक चिन्ह के साथ जीत की ग्रीक देवी नाइकी का भी चित्र है. पदकों को बनाने के लिए जापान ने लगभग 6.21 मिलियन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इकट्ठे किए, जिनकी धातु को रिसाइकल करके यह मेडल्स बनाए गए हैं.
पदको की क्या होती है विशेषता
यह पदक 85 मिलीमीटर व्यास के होते हैं. मेडल की मोटाई 7.7 मिलीमीटर से 12.1 मिलीमीटर तक होती है. फाइनल मैच जीतने वाले को स्वर्ण पदक दिया जाता है. लेकिन स्वर्ण पदक में सोना बस नाम मात्र के लिए ही होता है. स्वर्ण पदक चांदी से बना होता है जिस पर सोने की परत चढ़ाई जाती है. इसका वजन 556 ग्राम होता है जिसमें सोना 6 ग्राम होता है. सिल्वर मेडल 550 ग्राम का होता है, जो शुद्ध चांदी से बना होता है. वही कांस्य पदक कॉपर और जिंक मिश्रित धातु से निर्मित होता है.
कितने कीमती होते हैं ओलंपिक पदक
मार्केट वैल्यू के हिसाब से अगर ओलंपिक के स्वर्ण पदकों को पिघलाया जाए तो इसकी कीमत 800 अमेरिकी डॉलर यानी 59,319 रुपये होगी. जबकि रजत पदक की कीमत $450 और कांस्य पदक की कीमत $5 ही होगी.
खिलाड़ियों को मिलती है ये चीजें
खिलाड़ियों को पदकों के अलावा उनके देश में सम्मान स्वरूप कई तरह के पुरस्कार दिए जाते हैं. ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को केवल पदों से ही नवाजा जाता है.
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