IAS, IPS और IFS में क्या होता है अंतर, जानिए कैसे तय होती है सैलरी

आईएएस, आईपीएस, आईईएस, आईएफएस अधिकारी बनने के बारे में सब जानते हैं और यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत ही करते हैं. लेकिन ज्यादातर लोगों को यह नहीं पता होता कि उनकी भूमिकाओं में क्या अंतर होता है और इनके क्या काम होते हैं. आज हम आपको आईएएस, आईपीएस और आईएएस ऑफिसर में अंतर बता रहे हैं.

आईएएस और आईपीएस को लोक सेवा अधिकारियों के रूप में जाना जाता है. इनकी सैलरी और भूमिका अलग-अलग होती है. इनका सिविल सेवा परीक्षा पास करने के बाद चयन होता है.

आईएएस– सिविल सेवा परीक्षा में जो अभ्यर्थी टॉप रैंक हासिल करते हैं, उन्हें आईएएस बनाया जाता है. आईएएस अधिकारी संसद में बनने वाले कानून को अपने इलाके में लागू करवाते हैं.

आईपीएस– आईपीएस अधिकारियों का काम अपने कार्य क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखना होता है. आईपीएस अधिकारियों को एसपी से लेकर आईजी, डीआईजी, डीजीपी जैसे पदों पर नियुक्त किया जा हैं.

आईईएस– आईईएस अधिकारी सरकार के टेक्निकल फंक्शन को देखते हैं. आईईएस अधिकारी बनने के लिए ग्रेजुएशन की आवश्यकता होती है.

आईएफएस– ये अधिकारी विदेशी मामलों को लेकर काम करते हैं और विदेश मंत्रालय में अपनी सेवाएं देते हैं. इनको यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद 3 साल तक ट्रेनिंग लेनी होती है.

आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सैलरी
आईएएस अधिकारियों की सैलरी विभिन्न रचनाओं के आधार पर होती है जैसे कि जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल. सैलरी में अलग-अलग वेतन बैंड होते हैं. इन्हें साथ में डीए, टीए भी मिलता है. वहीं आईपीएस अधिकारियों को पीएफ, ग्रेजुएटी, आजीवन पेंशन, क्वार्टर और कई अन्य सेवानिवृत्ति सुविधाएं दी जाती हैं. आईजी, डीआईजी, एडीजी के पदों के आधार पर सैलरी मिलती है.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*